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देहरादून में बुजुर्ग और दिव्यांगों की सुविधा के लिए ‘सारथी’ वाहन सेवा शुरू
क्या बुजुर्गों और दिव्यांगों को प्रशासनिक कार्यालयों तक पहुंचने में परेशानी होती है? क्या उन्हें सरकारी सहायता पाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है? प्रशासन की इस चुनौती को हल करने के लिए देहरादून में ‘सारथी’ नामक विशेष वाहन सेवा शुरू की गई है। यह सेवा बुजुर्गों और दिव्यांगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने में मदद करेगी, जिससे वे बिना किसी कठिनाई के अपनी समस्याएं प्रशासन के सामने रख सकें।

जिलाधिकारी ने किया ‘सारथी’ का शुभारंभ
प्राप्त जानकारी के अनुसार, देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने 3 फरवरी 2025 को इस सेवा का औपचारिक शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने दिव्यांग महिला नीतू रानी को उनके गंतव्य तक छोड़कर ‘सारथी’ की शुरुआत की। यह वाहन कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर उपलब्ध रहेगा और बुजुर्ग एवं दिव्यांग नागरिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए तत्पर रहेगा।
दिव्यांग महिला को मिली आर्थिक सहायता
जानकारी के अनुसार, प्रेमनगर निवासी दिव्यांग महिला नीतू रानी, जो पिछले 18 वर्षों से झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले 2500 से अधिक बच्चों को शिक्षित कर चुकी हैं, ने जिलाधिकारी से सहायता का अनुरोध किया था। उन्होंने अपनी बांस से बनी बालवाड़ी के मरम्मत कार्य के लिए 60 हजार रुपये की सहायता मांगी थी। जिलाधिकारी ने इस अनुरोध को संज्ञान में लेते हुए, सीएसआर फंड से 1 लाख रुपये की सहायता राशि स्वीकृत की और उन्हें यह राशि प्रदान की।
जनता दर्शन में शिकायतों का समाधान
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 3 फरवरी को आयोजित जनता दर्शन/जनसुनवाई कार्यक्रम में कुल 103 शिकायतें दर्ज की गईं। इनमें राजस्व, एमडीडीए, नगर निगम, लोनिवि, बाल विकास और पुलिस विभाग से संबंधित शिकायतें शामिल थीं। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो शिकायतें तत्काल हल हो सकती हैं, उन्हें तुरंत निपटाया जाए और जिन मामलों में जांच की आवश्यकता है, उनके आवेदकों को समय पर जानकारी दी जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि फरियादियों को बार-बार कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें।
जनहित में सारथी सेवा का महत्व
‘सारथी’ वाहन सेवा उन बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है, जिन्हें सरकारी कार्यालयों तक पहुंचने में कठिनाई होती है। प्रशासन के इस कदम से जरूरतमंदों को त्वरित सहायता मिलने की उम्मीद है।



