
Pahad ki Dahad News
31 अक्टूबर 2025
देहरादून (उत्तराखंड)। उत्तराखण्ड आबकारी आयुक्त कार्यालय ने एक गंभीर प्रेस नोट जारी करते हुए राज्य के राजस्व पर बढ़ते खतरे की ओर ध्यान दिलाया है। विभाग के अनुसार, आबकारी नीति 2025-26 के सफल क्रियान्वयन के बावजूद, अवैध मदिरा व्यापार और राजस्व को हानि पहुँचाने वाली “अवैध प्रायोजित एवं अनैतिक गतिविधियों” के कारण विभाग को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
प्रेस नोट में स्पष्ट किया गया है कि मदिरा दुकानों के संचालन में उत्पन्न “अवशेष वास्तविक जन-असंतोष” को आधार बनाकर “कुछ गिरोहों द्वारा” गैर-कानूनी मदिरा व्यापार को बढ़ावा दिया जा रहा है।
राजस्व का लक्ष्य बनाम नुकसान
वार्षिक लक्ष्य: वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु ₹5,060 करोड़ का आबकारी राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
वर्तमान प्राप्ति: लक्ष्य के सापेक्ष अब तक ₹2,409 करोड़ की प्राप्ति हुई है, जो 95.59 प्रतिशत की उपलब्धि दर्शाती है।
इन अवरोधों के कारण, राजस्व पर पड़ रहा सीधा प्रभाव चिंताजनक है:
प्रभावित क्षेत्र: 09 जनपदों में स्थित 31 मदिरा दुकानें इन गतिविधियों से प्रभावित हुई हैं।
समग्र राजस्व हानि: इन प्रभावित 31 दुकानों के कारण प्रदेश को V.A.T. (वैट) एवं संबंधित कर-राजस्व से लगभग ₹200 करोड़ का आबकारी राजस्व तथा समग्र नुकसान हुआ है।
मासिक हानि (08 जनपद): इन जनपदों को अनुमानित मासिक राजस्व हानि लगभग ₹90.60 करोड़ है।
दैनिक हानि: टिहरी (डालवाला) में दर्ज घटनाओं के कारण दुकानें बंद रहने से प्रतिदिन लगभग ₹16 लाख का प्रत्यक्ष राजस्व नुकसान हुआ।
विभाग का कड़ा रुख और प्रवर्तन कार्यवाही
राजस्व को हानि पहुँचाने वाली इन गतिविधियों को रोकने के लिए विभाग सख्त कार्यवाही कर रहा है:
प्रवर्तन के आँकड़े: अवैध मदिरा तश्करी पर नियंत्रण हेतु चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत अब तक 2,505 मुकदमे पंजीकृत किए गए हैं और 45,685 लीटर अवैध मदिरा बरामद की गई है।
वैध बिक्री में सुधार: विगत वर्ष की तुलना में लगभग 2.50 लाख पेटी विदेशी मदिरा की अतिरिक्त प्राप्ति हुई है।
आबकारी आयुक्त ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा है कि वैध व्यापार की सुरक्षा एवं सुचारू संचालन सुनिश्चित करते हुए “राजस्व हितों के संरक्षण हेतु प्रवर्तन एवं प्रशासनिक कार्यवाही समय-समय पर जारी रहेगी।”



