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पौड़ी गढ़वाल: 92 करोड़ की ठगी करने वाली फर्जी को-ऑपरेटिव सोसाइटी का मास्टरमाइंड चंदन राम राज पुरोहित दिल्ली से गिरफ्तार
को-ऑपरेटिव सोसाइटियों के नाम पर ठगी का बढ़ता जाल
देश में कई फर्जी को-ऑपरेटिव सोसाइटियां भोले-भाले नागरिकों को मोटे मुनाफे का लालच देकर उनके जीवनभर की जमा-पूंजी लूट रही हैं। आम लोग, जो भविष्य की सुरक्षा के लिए आरडी (रेकरिंग डिपॉजिट), एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) जैसी योजनाओं में पैसा लगाते हैं, इन ठगों के जाल में फंस जाते हैं। ऐसी ठगी योजनाएं छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से फैल रही हैं, जहां जागरूकता की कमी के कारण लोग आसानी से इनके बहकावे में आ जाते हैं। पौड़ी गढ़वाल में भी इसी तरह के एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें अब तक करोड़ों की ठगी सामने आ चुकी है।
दिल्ली से मास्टरमाइंड गिरफ्तार, पहले ही हो चुकी हैं 5 गिरफ्तारियां
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, The Loni Urban Multi-State Credit & Treft Co-Operative Society (LUCC) के माध्यम से की गई करोड़ों की धोखाधड़ी में संलिप्त एक और आरोपी चंदन राम राज पुरोहित को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है। इससे पहले पुलिस इस मामले में पांच अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
मामले की शुरुआत: 1 जून 2024 को कोटद्वार निवासी तृप्ति नेगी ने पुलिस को शिकायत दी थी कि दुगड्डा स्थित LUCC शाखा के मैनेजर विनीत सिंह और कैशियर प्रज्ञा रावत ने उनसे आरडी (रेकरिंग डिपॉजिट) के नाम पर पैसे लिए, लेकिन ना ही कोई बॉन्ड दिया और ना ही पैसे जमा किए। यह पूरी तरह से एक संगठित धोखाधड़ी थी, जिसमें हजारों निवेशकों को फंसाया गया। शिकायत के आधार पर कोटद्वार कोतवाली में मु0अ0सं0-142/24, धारा- 420/ 120बी/467/468/471 भादवि व 3 UPID ACT व 3,21,(3) BUDS ACT के तहत मामला दर्ज किया गया था।
फरार चल रहा था मास्टरमाइंड, लगातार बदल रहा था ठिकाने
इस हाई-प्रोफाइल मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी लोकेश्वर सिंह के निर्देश पर अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम का गठन किया गया था। पुलिस ने पहले ही उर्मिला बिष्ट, जगमोहन सिंह बिष्ट, प्रज्ञा रावत, विनीत सिंह और गिरीश चंद्र बिष्ट को 28 अक्टूबर 2024 को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन इस पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड चंदन राम राज पुरोहित फरार था।
पुलिस के अनुसार, चंदन राम राज पुरोहित बेहद शातिर किस्म का अपराधी है और लंबे समय से अपने ठिकाने और मोबाइल नंबर बदलकर पुलिस को चकमा दे रहा था। आखिरकार, पुलिस टीम ने लगातार प्रयासों और तकनीकी निगरानी के जरिए उसे दिल्ली के शास्त्री नगर इलाके में एक किराए के मकान से गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार आरोपी की पहचान
गिरफ्तार आरोपी की पहचान चंदन राम राज पुरोहित पुत्र राम सिंह, निवासी खेतेश्वर मोहल्ला, जिला बाड़मेर, राजस्थान के रूप में हुई है। इसका दूसरा पता अपना घर धवल गिरी बिल्डिंग, लोखनवाला, अंधेरी वेस्ट, मुंबई दर्ज किया गया है।
पहले गिरफ्तार आरोपी
- उर्मिला बिष्ट (45 वर्ष) – निवासी ऋषिकेश, देहरादून
- जगमोहन सिंह बिष्ट (51 वर्ष) – निवासी ऋषिकेश, देहरादून
- प्रज्ञा रावत (25 वर्ष) – निवासी कोटद्वार, पौड़ी गढ़वाल
- विनीत सिंह (37 वर्ष) – निवासी गुमखाल, पौड़ी गढ़वाल
- गिरीश चंद्र बिष्ट (59 वर्ष) – निवासी बागेश्वर, उत्तराखंड
पुलिस की कार्रवाई जारी
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी लोकेश्वर सिंह ने बताया कि इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं और पुलिस अन्य फरार आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है। गिरफ्तार किए गए आरोपी को न्यायालय में पेश कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
आखिरी सवाल – निवेशकों के पैसे वापस मिलेंगे?
अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या इस घोटाले में ठगे गए निवेशकों को उनका पैसा वापस मिलेगा? पुलिस ने जांच में पाया है कि आरोपियों ने यह पैसा कई जगह निवेश कर दिया है और इसकी रिकवरी आसान नहीं होगी। पीड़ित निवेशकों को इस मामले में लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ सकती है।
क्या करें अगर आप भी ठगी का शिकार हुए हैं?
- किसी भी अनजान को-ऑपरेटिव सोसाइटी में पैसा लगाने से पहले उसकी प्रमाणिकता जांचें।
- यदि आप पहले से किसी ऐसी ठगी का शिकार हो चुके हैं, तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें।
- किसी भी अनियमित वित्तीय स्कीम में पैसा निवेश करने से पहले सेबी (SEBI) और आरबीआई (RBI) की गाइडलाइन्स पढ़ें।
इस बड़े घोटाले में अब तक छह गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, लेकिन यह मामला बताता है कि कैसे संगठित ठग गिरोह आम लोगों को करोड़ों की चपत लगा रहे हैं। पुलिस की कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन इससे भी जरूरी है कि लोग खुद सतर्क रहें और अपनी मेहनत की कमाई सुरक्षित जगह पर लगाएं।



