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उत्तराखंड में ‘हाउस ऑफ हिमालया’ के विस्तार की तैयारी, कृषि मंत्री ने की समीक्षा बैठक
प्रदेश के कृषि, ग्राम्य विकास और सहकारिता विभागों की संयुक्त बैठक में महत्वपूर्ण फैसले
उत्तराखंड में जैविक उत्पादों और पारंपरिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए सरकार सक्रिय हो गई है। ‘हाउस ऑफ हिमालया’ को वैश्विक पहचान दिलाने और किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के उद्देश्य से उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इन्वेस्टर्स समिट में ‘हाउस ऑफ हिमालया’ की ब्रांडिंग किए जाने के बाद इसके उत्पादों की मांग देश-विदेश में तेजी से बढ़ रही है। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने उत्पादन और गुणवत्ता सुधारने की दिशा में ठोस कदम उठाने की योजना बनाई है।

प्रदेश में प्रमुख स्थानों पर खुलेंगे ‘हाउस ऑफ हिमालया’ स्टोर
रिपोर्ट्स के अनुसार, कृषि मंत्री गणेश जोशी की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों और प्रमुख बाजारों में ‘हाउस ऑफ हिमालया’ के स्टोर खोले जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य न केवल स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना है, बल्कि इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना भी है।
मखाना और सिंघाड़े की खेती को मिलेगा बढ़ावा
हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिलों में अमृत सरोवर योजना के तहत बनाए जा रहे जलाशयों में मखाना और सिंघाड़े की खेती को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। आगामी बजट में भी इन फसलों के लिए विशेष प्रावधान किए जाने की संभावना है।
प्रदेश में हार्टी टूरिज्म को मिलेगी नई पहचान
बैठक में उत्तराखंड में हार्टी टूरिज्म (Horti-Tourism) को बढ़ाने पर भी चर्चा की गई। विदेशों में इसकी बड़ी मांग को देखते हुए राज्य के 93 बाग-बगानों में फूलों की खेती को प्रोत्साहित करने की योजना बनाई गई है। इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि उत्तराखंड को कृषि पर्यटन का नया केंद्र बनाने में भी मदद मिलेगी।
मंडुआ और झंगोरा को मिली राष्ट्रीय पहचान
उत्तराखंड के परंपरागत अनाज मंडुआ और झंगोरा की गुणवत्ता देशभर में सबसे बेहतर मानी गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिलेट्स रिसर्च इंस्टीट्यूट, हैदराबाद ने उत्तराखंड के मंडुआ और झंगोरा को देश में सर्वोत्तम गुणवत्ता वाला अनाज घोषित किया है। इसे और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए राज्य सरकार नई रणनीति तैयार कर रही है।
बंजर जमीनों का उपयोग कर बढ़ेगा उत्पादन
बैठक में सरकारी बंजर जमीनों की गुणवत्ता जांचने और उनके बेहतर उपयोग की दिशा में भी चर्चा हुई। सरकार इन जमीनों पर खेती के लिए वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग करने की योजना बना रही है, जिससे उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो सके।
संयुक्त प्रयासों से बढ़ेगी प्रदेश की कृषि क्षमता
मंत्री ने बैठक के दौरान सभी विभागों को आपसी समन्वय स्थापित कर उत्पादन और गुणवत्ता सुधारने पर जोर देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के जैविक और पारंपरिक कृषि उत्पादों को बड़े स्तर पर बाजार उपलब्ध कराने के लिए ठोस योजनाएं बनाई जाएंगी।
इस समीक्षा बैठक में ग्राम्य विकास सचिव राधिका झा, महानिदेशक कृषि रणवीर सिंह चौहान, अपर सचिव सहकारिता सोनिका, आयुक्त ग्राम्य विकास अनुराधा पाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।



