आप को बता दे
क्या हमारे बच्चे सुरक्षित हैं? स्कूल से गायब हुए नाबालिगों का चौंकाने वाला मामला!
आज के दौर में नाबालिगों का घर से भागना या स्कूल से लापता होना एक गहरी चिंता का विषय बनता जा रहा है। कई बार ये घटनाएं अपराधिक तत्वों द्वारा अपहरण या बाल श्रम की ओर भी इशारा करती हैं। टिहरी गढ़वाल में हाल ही में हुई एक घटना ने अभिभावकों और प्रशासन को चिंता में डाल दिया, जब दो नाबालिग बच्चे स्कूल से अचानक गायब हो गए। इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
12 घंटे में देवप्रयाग पुलिस ने की बच्चों की बरामदगी
रिपोर्ट्स के अनुसार, दिनांक 04 फरवरी 2025 की रात करीब 09:00 बजे देवप्रयाग पुलिस को सूचना मिली कि दो नाबालिग बच्चे (14 वर्ष व 16 वर्ष) जो सुबह राजकीय इंटर कॉलेज गए थे, वे इंटरवल के बाद से लापता हैं और घर नहीं पहुंचे।
घटना की गंभीरता को देखते हुए उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया और त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए। देवप्रयाग थाने द्वारा तीन पुलिस टीमें गठित कर रातभर तलाशी अभियान चलाया गया। इस प्रयास का परिणाम सुबह 09:00 बजे सामने आया, जब मात्र 12 घंटे के भीतर दोनों बच्चों को सकुशल बरामद कर लिया गया।
केदारनाथ जाने की थी योजना, पढ़ाई में नहीं लगता था मन
पूछताछ में बच्चों ने बताया कि उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता और वे केदारनाथ जाकर पैसा कमाना चाहते थे। इसी कारण वे बिना किसी को बताए स्कूल से निकल गए थे।
देवप्रयाग पुलिस ने बच्चों की काउंसलिंग करने के बाद उन्हें सुरक्षित उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से परिजन बेहद राहत महसूस कर रहे हैं और उन्होंने पुलिस टीम का आभार व्यक्त किया।
बच्चों के लापता होने के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी—समाज के लिए चेतावनी
यह घटना न केवल एक राहत भरी खबर है, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी भी है। बच्चे घर से भागने का निर्णय क्यों लेते हैं? पढ़ाई से दूर भागने की मानसिकता के पीछे कौन से कारण हैं? यह सोचने की जरूरत है।
अब क्या किया जाना चाहिए?
- माता-पिता को सतर्क रहना होगा: बच्चों के व्यवहार में किसी भी बदलाव को नजरअंदाज न करें।
- स्कूल प्रशासन को जिम्मेदारी लेनी होगी: बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए स्कूलों को भी अधिक सतर्कता बरतनी होगी।
- समाज को जागरूक होना होगा: बच्चों को सही मार्गदर्शन देने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं।
समाधान के लिए अपील
प्रशासन, स्कूलों और अभिभावकों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। समय रहते सही मार्गदर्शन और संवाद बच्चों को भटकने से रोक सकता है।
👉 क्या आपके आसपास भी कोई बच्चा पढ़ाई से दूरी बना रहा है? उससे बात करें, उसे समझें। सही कदम उठाएं, ताकि कोई और बच्चा गलत रास्ते पर न जाए।



