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भूमि अधिग्रहण में अनियमितताओं पर प्रशासन की सख्ती, 750 बीघा सरकारी जमीन की वापसी शुरू

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देहरादून | 5 फरवरी 2025

भूमि अधिग्रहण और अवैध कब्जों से जुड़ी शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे सिर्फ राजस्व नुकसान ही नहीं पहुंचाते, बल्कि आम जनता के विकास कार्यों में भी बाधा उत्पन्न करते हैं। कई मामलों में भूमि माफिया सरकारी जमीनों को हड़पकर गैर-कानूनी तरीके से बेचते हैं, जिससे प्रशासन को कठोर कार्रवाई करनी पड़ती है। इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने धारा 166 और 167 के तहत 750 बीघा सरकारी भूमि की वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

प्रशासन की सख्त कार्यवाही

जिलाधिकारी सविन बंसल ने ऋषिपर्णा सभागार में बैठक कर भूमि अधिग्रहण मामलों की समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार की नीतियों के अनुसार, भूमि खरीद-फरोख्त के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कठोर कार्रवाई होगी।

डीएम ने सभी उप जिलाधिकारियों और तहसील अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपनी तहसीलों में लंबित मामलों का शीघ्र निस्तारण करें और जनसंपत्ति की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाएं। प्रशासन की ओर से 28 फरवरी तक 750 बीघा भूमि को पुनः सरकारी नियंत्रण में लेने की योजना बनाई गई है, जिसमें से 300 बीघा भूमि पहले ही अधिग्रहित की जा चुकी है।

तेजी से निपटाए जाएंगे राजस्व वाद

जिलाधिकारी ने राजस्व अदालतों को भी निर्देश दिया कि वे लंबित मामलों के निस्तारण में तेजी लाएं। साथ ही, तहसील स्तर पर भूमि धोखाधड़ी और अवैध कब्जों के प्रति जनता को जागरूक करने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए गए।

बैठक में यह भी तय किया गया कि संबंधित अधिकारियों को प्रत्येक सप्ताह भूमि अधिग्रहण की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। डीएम ने कहा कि यह कार्यवाही केवल नोटिस तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि अवैध कब्जाधारियों को चिन्हित कर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश

बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, उप जिलाधिकारी कालसी गौरी प्रभात, देहरादून सदर कुमकुम जोशी, विकासनगर विनोद कुमार, चकराता योगेश मेहरा, डोईवाला अपर्णा ढौंडियाल, ऋषिकेश स्मृति परमार समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

प्रशासन की इस कड़ी कार्रवाई से स्पष्ट संकेत मिलता है कि भूमि अधिग्रहण में अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार की प्राथमिकता सरकारी संपत्तियों की रक्षा करना और अवैध कब्जों को हटाना है।

स्रोत: कार्यालय जिला सूचना अधिकारी, देहरादून।

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