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अधिकारियों की सुस्ती पर कैबिनेट मंत्री नाराज़, बजट खर्च में तेजी लाने के निर्देश
क्या बजट का सही उपयोग हो रहा है? मंत्री ने समीक्षा बैठक में खामियों पर जताई नाराजगी
सरकारी योजनाओं के लिए आवंटित बजट का प्रभावी उपयोग जरूरी होता है ताकि जनता को समय पर सुविधाएं मिल सकें। लेकिन कई बार विभागीय लापरवाही और धीमी प्रक्रियाओं के कारण बजट पूरी तरह खर्च नहीं हो पाता, जिससे विकास कार्य प्रभावित होते हैं। इसी मुद्दे को लेकर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ने अपने विभागों के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर सख्त निर्देश दिए।
कैबिनेट मंत्री ने बजट खर्च की समीक्षा की
कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने अपने सरकारी आवास पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, उच्च शिक्षा, विद्यालयी शिक्षा, संस्कृत शिक्षा और सहकारिता विभाग की बैठक ली। इस बैठक में उन्होंने बजट की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण किया और अधिकारियों को शत-प्रतिशत बजट खर्च करने के निर्देश दिए। रिपोर्ट के अनुसार, मंत्री ने कम बजट खर्च करने वाले विभागों के अधिकारियों पर नाराजगी जताई और स्पष्ट किया कि इस लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश
बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को आगामी वित्तीय वर्ष के लिए नई योजनाओं के तीन-तीन प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए, जो आम जनता से सीधे जुड़े हों। उन्होंने केंद्रीय वित्त पोषित योजनाओं की भी समीक्षा की, जिनमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, पीएम उषा योजना, समग्र शिक्षा योजना, पीएम श्री स्कूल और आवासीय विद्यालयों की योजनाएं शामिल रहीं।
मंत्री ने कहा कि सभी विभागों को अपने बजट प्रावधानों का सही इस्तेमाल करना होगा, ताकि योजनाओं का लाभ अधिकतम लोगों तक पहुंच सके।
समीक्षा बैठक में कौन-कौन शामिल हुआ?
इस समीक्षा बैठक में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, सचिव उच्च शिक्षा रणजीत सिन्हा, सचिव संस्कृत शिक्षा दीपक गैरोला, निबंधक सहकारिता सोनिका, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा झरना कमठान, अपर सचिव वित्त अमित जोशी, अपर सचिव शिक्षा एम एम सेमवाल, निदेशक उच्च शिक्षा डॉ अंजू अग्रवाल, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ आशुतोष सयाना, प्रभारी स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ सुनीता टम्टा, निदेशक संस्कृत शिक्षा आनंद भारद्वाज सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
सरकार की सख्ती – क्या मिलेगा असर?
मंत्री द्वारा बजट खर्च में तेजी लाने के लिए अधिकारियों को दिए गए सख्त निर्देशों का असर कितना होगा, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा। लेकिन इस बैठक के बाद इतना जरूर तय है कि सुस्त पड़े विभागों को अब तेजी से काम करना होगा, ताकि बजट का सही उपयोग हो सके और जनता तक विकास योजनाओं का लाभ पहुंचे।



