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क्या नशे के खिलाफ यह कदम काफी है? बढ़ते नशे के जाल से युवा पीढ़ी को बचाने के लिए प्रशासन का बड़ा प्रयास
नशे की लत एक गंभीर सामाजिक समस्या बन चुकी है, जो न सिर्फ युवाओं के भविष्य को अंधकारमय बना रही है, बल्कि अपराधों को भी बढ़ावा दे रही है। स्कूल-कॉलेजों में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति चिंता का विषय है। पुलिस और प्रशासन लगातार इस चुनौती से निपटने के लिए नए कदम उठा रहे हैं। इसी क्रम में टिहरी गढ़वाल पुलिस ने अपने क्षेत्र में एंटी ड्रग्स कमेटी गठित कर छात्र-छात्राओं को जागरूक करने का अभियान चलाया है।

नशामुक्त देवभूमि अभियान के तहत गठित हुई एंटी ड्रग्स कमेटी
प्रदेश में 2025 तक देवभूमि को नशामुक्त करने के संकल्प के तहत पुलिस प्रशासन ने एंटी ड्रग्स कमेटी का गठन किया है।
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार:
- टिहरी गढ़वाल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आदेशानुसार तथा अपर पुलिस अधीक्षक एवं क्षेत्राधिकारी के निर्देशन में कोतवाली नई टिहरी पुलिस द्वारा राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज कंडीखाल में एंटी ड्रग्स कमेटी का गठन किया गया।
- थत्युड पुलिस ने राजकीय इंटर कॉलेज राउतु की बेली में कमेटी बनाई, जहां छात्रों एवं शिक्षकों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया गया।
छात्र-छात्राओं को दी गई ये महत्वपूर्ण जानकारियां

- पुलिस अधिकारियों ने सड़क सुरक्षा माह के दृष्टिगत यातायात नियमों, नशा मुक्ति, साइबर क्राइम और महिला एवं बाल अपराधों के प्रति जागरूक किया।
- गठित कमेटी में प्रधानाचार्य को अध्यक्ष और शिक्षकों एवं छात्रों को सदस्य बनाया गया।
- सभी छात्रों को यातायात नियमों का पालन करने और अपने परिवार को भी प्रेरित करने की शपथ दिलाई गई।
- सोशल मीडिया और साइबर सुरक्षा को लेकर सतर्क रहने के निर्देश दिए गए।
- साइबर फ्रॉड या धोखाधड़ी की स्थिति में तुरंत 1930 पर कॉल करने की सलाह दी गई।
क्या यह अभियान युवाओं को नशे से बचा पाएगा?
यह पहल सराहनीय है, लेकिन सवाल यह है कि क्या सिर्फ जागरूकता कार्यक्रमों से नशे की समस्या खत्म हो सकती है? नशा तस्करी पर सख्त कार्रवाई, परिवारों में संवाद और युवाओं के लिए खेल-कूद एवं रोजगार के अवसर बढ़ाना भी उतना ही जरूरी है। पुलिस प्रशासन का यह कदम एक शुरुआत है, लेकिन इसे निरंतर प्रयासों से मजबूत करने की जरूरत है।
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