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केन्द्रीय बजट 2025: शिक्षा में बदलाव लाने की तैयारी, 50 हजार अटल टिंकरिंग लैब से वैज्ञानिक सोच को मिलेगा बढ़ावा
युवाओं के सपनों को नई उड़ान देगा केन्द्रीय बजट
क्या भारतीय शिक्षा प्रणाली में बदलाव का समय आ गया है? क्या देश के युवाओं को वैज्ञानिक सोच से लैस करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं? नए केन्द्रीय बजट 2025 में इन सवालों के जवाब मिलते हैं। सरकार ने इस बार शिक्षा क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए कई बड़े फैसले किए हैं, जिनमें 50 हजार अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के लिए उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना शामिल है।
50 हजार अटल टिंकरिंग लैब से वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा
आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, बजट 2025 में सरकारी विद्यालयों में 50 हजार अटल टिंकरिंग लैब स्थापित करने की घोषणा की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य देश के छात्र-छात्राओं में वैज्ञानिक चेतना और नवाचार को बढ़ावा देना है। इस पहल का लाभ उत्तराखंड सहित पूरे देश के विद्यार्थियों को मिलेगा, जिससे वे बचपन से ही शोध और तकनीकी विकास की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे।
ग्रामीण विद्यालयों को मिलेगी हाई-स्पीड इंटरनेट सुविधा
बजट में ग्रामीण शिक्षा को डिजिटल माध्यम से सशक्त बनाने के लिए भारतनेट परियोजना के तहत सभी माध्यमिक विद्यालयों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जोड़ने का प्रस्ताव रखा गया है। इससे दूरदराज के इलाकों में रहने वाले छात्रों को भी ऑनलाइन शिक्षा और डिजिटल संसाधनों का समान अवसर मिलेगा।
AI और नवाचार के लिए 500 करोड़ की परियोजना
आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, शिक्षा क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 500 करोड़ रुपये की लागत से उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, पांच नेशनल सेंटर भी स्थापित किए जाएंगे, जहां वैश्विक विशेषज्ञों की मदद से छात्रों के कौशल को निखारने की योजना बनाई गई है।
कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने जताया आभार
उत्तराखंड के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने केन्द्रीय बजट को युवाओं के भविष्य के लिए एक क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह बजट न केवल शिक्षा प्रणाली को सशक्त करेगा, बल्कि युवाओं को नवाचार और शोध के क्षेत्र में भी आगे बढ़ाएगा।
सरकार से उम्मीदें और आगे की राह
सरकार द्वारा घोषित ये योजनाएं अगर सही तरीके से लागू होती हैं, तो यह भारतीय शिक्षा प्रणाली के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है। अब देखना यह होगा कि राज्य सरकारें और प्रशासन इन परियोजनाओं को धरातल पर कितनी कुशलता से लागू कर पाते हैं।



