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बिना हेलमेट चालान नहीं, अब मिलेगा हेलमेट! देहरादून में सड़क सुरक्षा को लेकर सांसद और डीएम के सख्त निर्देश
क्या सड़क हादसे टल सकते हैं? सुरक्षा नियमों की अनदेखी बनी जानलेवा
हर साल हजारों लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा देते हैं, और इनमें से अधिकतर घटनाएं तेज रफ्तार और सुरक्षा नियमों की अनदेखी के कारण होती हैं। हेलमेट और सीट बेल्ट जैसी बुनियादी सावधानियों की कमी के चलते छोटी लापरवाही बड़े हादसों में बदल जाती है। खासतौर पर युवा वर्ग, जो बिना हेलमेट और ट्रैफिक नियमों की अवहेलना कर जोखिम उठाते हैं, सड़क दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा शिकार बन रहे हैं। ऐसे में, देहरादून में सड़क सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने नई रणनीति अपनाने का फैसला किया है।
सांसद और डीएम ने दिए कड़े निर्देश, सड़क सुरक्षा होगी सख्त
देहरादून में आयोजित जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में राज्यसभा सांसद नरेश बंसल की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में जिलाधिकारी सविन बसंल, मुख्य नगर आयुक्त नमामि बंसल, पुलिस अधीक्षक यातायात मुकेश कुमार सहित कई प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में सांसद ने कहा कि बिना हेलमेट वाहन चलाने वालों का सीधा चालान करने के बजाय उन्हें हेलमेट उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि चालान की रकम का इस्तेमाल हेलमेट खरीदने में किया जाए ताकि लोगों को सड़क सुरक्षा का वास्तविक लाभ मिल सके।
युवाओं में नशे और तेज रफ्तार की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता
बैठक में सांसद ने यह भी चिंता जताई कि स्कूल और कॉलेज के छात्रों के बीच नशे की प्रवृत्ति बढ़ रही है, जिससे सड़क दुर्घटनाएं और अपराध बढ़ सकते हैं। रिपोर्टों के अनुसार, कई मामलों में देखा गया है कि युवा नशे की हालत में तेज रफ्तार से वाहन चलाते हैं, जिससे गंभीर हादसे होते हैं। सांसद ने पुलिस और शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि स्कूलों में जाकर बच्चों की काउंसिलिंग की जाए और जागरूकता अभियान चलाए जाएं।
कड़े फैसले: लाइसेंस निलंबन और सड़क सुधार कार्यों पर जोर
बैठक में बताया गया कि बीते एक साल में 12,377 लाइसेंस निलंबित किए गए, जबकि 130 लाइसेंस पूरी तरह रद्द किए गए हैं। सड़क सुरक्षा के तहत 45 स्थानों पर स्पीड ब्रेकर, जेब्रा क्रॉसिंग, डिवाइडर और कन्वेक्स मिरर लगाए गए हैं, ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
जिलाधिकारी सविन बसंल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सड़क सुरक्षा को लेकर और अधिक प्रभावी कदम उठाए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि स्कूलों में बच्चों को यातायात नियमों की जानकारी देने के लिए विशेष कक्षाएं आयोजित की जाएं।
क्या बदलेगी तस्वीर? प्रशासन का बड़ा कदम
सड़क सुरक्षा को लेकर प्रशासन के इन नए फैसलों से उम्मीद है कि दुर्घटनाओं में कमी आएगी और यातायात नियमों के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ेगी। हेलमेट उपलब्ध कराने की योजना और नशे के खिलाफ अभियान जैसे कदम सड़क सुरक्षा को मजबूती देंगे। अब यह देखने की बात होगी कि ये प्रयास वास्तविक बदलाव ला पाते हैं या नहीं।



