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उत्तरकाशी:पुलिस ने स्कूली छात्रों को दी जागरूकता की सीख
क्या सड़क सुरक्षा को हल्के में ले रहे हैं लोग?
हर दिन सड़क दुर्घटनाओं की खबरें सामने आती हैं, जिनमें से कई घटनाएं छोटी लापरवाहियों की वजह से होती हैं। हेलमेट न पहनना, मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाना, ओवरस्पीडिंग और नाबालिगों द्वारा बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाना – ये सभी ऐसी गलतियां हैं जो सड़क पर जानलेवा साबित हो सकती हैं। इसी खतरे को समझाने और भविष्य की पीढ़ी को सुरक्षित यातायात व्यवहार सिखाने के लिए उत्तरकाशी पुलिस ने सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाया।

स्कूलों में चला सड़क सुरक्षा अभियान
मिली जानकारी के अनुसार, सड़क सुरक्षा माह 2025 के अंतर्गत उत्तरकाशी पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में यातायात पुलिस ने ऋषिराम शिक्षण संस्थान, मनेरा और अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज, खरादी में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए।
छात्रों को दी गई यह महत्वपूर्ण सीख
ऋषिराम शिक्षण संस्थान, मनेरा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान यातायात निरीक्षक राजेंद्र नाथ ने छात्रों को सड़क सुरक्षा नियमों से अवगत कराया। उन्होंने ओवरस्पीडिंग, स्टंटिंग, तीन सवारी बैठाने, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने और शराब पीकर गाड़ी चलाने जैसी गलतियों के खतरों को विस्तार से समझाया। इसके अलावा, छात्रों को ‘गुड सेमेरिटन’ कानून के बारे में भी जानकारी दी गई, जिससे वे सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की मदद करने के लिए प्रेरित हों।
वहीं, अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज, खरादी में यातायात उपनिरीक्षक वीरेंद्र सिंह पंवार ने छात्रों से संवाद करते हुए बताया कि सड़क पर यातायात नियमों का पालन करना स्वयं की और दूसरों की सुरक्षा के लिए बेहद आवश्यक है। उन्होंने विशेष रूप से 18 साल से कम उम्र के छात्रों को वाहन न चलाने की सख्त हिदायत दी और बताया कि यातायात नियम एक सुरक्षा कवच की तरह होते हैं।

युवा पीढ़ी की भागीदारी से बदलेगी सड़क सुरक्षा की तस्वीर
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक है कि यातायात नियमों को बचपन से ही गंभीरता से सिखाया जाए। उत्तरकाशी पुलिस का यह प्रयास सराहनीय है, जिससे भविष्य में सड़क पर होने वाली अनावश्यक दुर्घटनाओं को रोका जा सके। अब यह जिम्मेदारी छात्रों की भी बनती है कि वे खुद सुरक्षित रहें और अपने परिवार व समाज को भी सतर्क करें।



