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प्रसव पीड़ा में यात्री महिला की मदद कर पुलिस ने बचाई जान
भारत में रेल यात्रा के दौरान कई बार यात्रियों को अप्रत्याशित परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। विशेषकर चिकित्सा से संबंधित आपातकालीन परिस्थितियों में, समय पर सहायता न मिलने के कारण स्थिति गंभीर हो सकती है। ऐसी घटनाओं में पुलिस और रेलवे कर्मियों की सक्रियता और त्वरित कार्रवाई जीवन बचाने में अहम भूमिका निभाती है। एक ऐसा ही उदाहरण हरिद्वार जिले के जीआरपी थाना क्षेत्र से सामने आया, जहां एक महिला यात्री को प्रसव पीड़ा के दौरान समय पर चिकित्सा सहायता देकर उसकी और नवजात शिशु की जान बचाई गई।
घटना का विवरण:
23 दिसंबर 2024 को शाम लगभग 5:30 बजे स्टेशन मास्टर से सूचना मिली कि देहरादून-सहारनपुर पैसेंजर ट्रेन (संख्या-04374) में एक महिला यात्री को प्रसव पीड़ा हो रही है। सूचना मिलने पर जीआरपी थाना हरिद्वार के थानाध्यक्ष अनुज सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम और आरपीएफ की टीम तुरंत हरिद्वार रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-5 पर पहुंची।
पीड़ित महिला फातिमा, निवासी रशोली बाजार, बाराबंकी (उत्तर प्रदेश), अपने पति मोहम्मद नजीर और छोटे बच्चे के साथ यात्रा कर रही थी। महिला ट्रेन के जनरल कोच में दर्द से कराह रही थी। पुलिस टीम ने मौके पर मौजूद नर्सिंग स्टाफ की मदद से महिला की स्थिति का आकलन किया। इस बीच, महिला ने एक नवजात शिशु को जन्म दिया।
त्वरित सहायता और कार्रवाई:
महिला और नवजात शिशु को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए रेलवे चिकित्सालय, जिला चिकित्सालय और 108 एम्बुलेंस को सूचित किया गया। कुछ ही देर में चिकित्सा टीम मौके पर पहुंची और प्राथमिक उपचार प्रदान किया। इसके बाद, जीआरपी और आरपीएफ कर्मियों ने सावधानीपूर्वक नवजात शिशु और महिला को ट्रेन से उतारकर 108 एम्बुलेंस में स्थानांतरित किया। उन्हें जिला चिकित्सालय, हरिद्वार भेजा गया, जहां दोनों का उपचार चल रहा है।
पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) द्वारा की गई त्वरित और संवेदनशील कार्रवाई को महिला के पति और यात्रियों ने सराहा। यह घटना यात्री सुरक्षा और महिला सुरक्षा के प्रति पुलिस की प्रतिबद्धता का उत्कृष्ट उदाहरण है।
संबंधित पुलिस और आरपीएफ टीम:
- जीआरपी टीम:
- थानाध्यक्ष अनुज सिंह
- उपनिरीक्षक अतुल चौहान
- हेड कांस्टेबल श्यामदास
- हेड कांस्टेबल कुलदीप सिंह
- कांस्टेबल विनोद कुमार
- आरपीएफ टीम:
- उपनिरीक्षक जसविंदर सिंह
- महिला कांस्टेबल डोली