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शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार की चुनौती, जिलाधिकारी ने उठाया सख्त कदम
सफाई और कूड़ा प्रबंधन किसी भी शहरी क्षेत्र की बुनियादी सुविधाओं में से एक है। यह न केवल शहर की स्वच्छता सुनिश्चित करता है, बल्कि स्वास्थ्य और पर्यावरण को भी प्रभावित करता है। देहरादून में लंबे समय से डोर-टू-डोर कूड़ा उठान की लचर व्यवस्था से जनमानस परेशान था। शिकायतों के बावजूद ठोस सुधार न होने पर जिलाधिकारी ने एक निर्णायक कदम उठाते हुए कूड़ा प्रबंधन के लिए नई निविदाएं आमंत्रित करने का फैसला किया है।
डीएम का सख्त रुख
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर नगर निगम देहरादून के 47 वार्डों में डोर-टू-डोर कूड़ा उठान के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। जल्द ही शेष 26 वार्डों में भी इसी प्रक्रिया के तहत नई कंपनियों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। वर्तमान में 47 वार्डों का कार्य वाटरग्रेस कंपनी और 26 वार्डों का कार्य इकोनवेस्ट मैनेजमेंट कंपनी संभाल रही थी।
कंपनियों पर सख्त कार्रवाई
डोर-टू-डोर कूड़ा उठान में लगातार गड़बड़ियों और शिकायतों के कारण दोनों कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाया गया। रिपोर्ट के अनुसार, वाहन समय पर न आना, नियमित कूड़ा उठान न करना, कर्मचारियों की ड्रेस और आईडी कार्ड की अनदेखी, और वाहनों की फिटनेस जैसे मानकों पर खामियां सामने आईं। इन खामियों के सुधार के लिए कई बार चेतावनी दी गई और आर्थिक दंड भी लगाया गया, लेकिन कंपनियां प्रदर्शन में सुधार नहीं कर सकीं।
नई निविदाओं का उद्देश्य
डीएम ने नई निविदाओं के माध्यम से बेहतर और प्रभावी सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि जो कंपनियां मानकों का पालन नहीं करतीं, उन्हें काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस कदम को भविष्य के लिए नजीर माना जा रहा है।
अगले कदम
जिलाधिकारी के इस सख्त निर्णय से उम्मीद है कि शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार होगा और जनता को बेहतर सेवाएं मिलेंगी। नई कंपनियों के चयन के साथ नगर निगम को उम्मीद है कि स्वच्छता में सकारात्मक बदलाव जल्द ही दिखेंगे।



