Monday, December 23, 2024
Google search engine
Homeउत्तराखंडबाल भिक्षावृत्ति उन्मूलन: जिलाधिकारी का प्रोजेक्ट बदलाव की ओर, मुख्यमंत्री जल्द करेंगे...

बाल भिक्षावृत्ति उन्मूलन: जिलाधिकारी का प्रोजेक्ट बदलाव की ओर, मुख्यमंत्री जल्द करेंगे फ्लैग ऑफ

आप को बता दे

बाल भिक्षावृत्ति उन्मूलन: डीएम का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट नई ऊंचाइयों पर

देहरादून, 17 नवंबर 2024

जनपद को बाल भिक्षावृत्ति से मुक्त कराने की दिशा में जिलाधिकारी सविन बंसल की अगुवाई में चल रहे प्रयास उन्नत अवस्था पर पहुंच चुके हैं। ऋषिपर्णा सभागार, कलेक्ट्रेट में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में डीएम ने इस प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा करते हुए इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई अहम फैसले लिए।

प्रोजेक्ट के मुख्य पहलू:

  1. रेस्क्यू और पुनर्वास का प्लान:
    • मुख्य शिक्षा अधिकारी और जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा तैयार माइक्रोप्लान को डीएम ने अनुमोदित किया।
    • साधूराम इंटर कॉलेज में बच्चों के लिए इन्टेंसिव केयर शेल्टर का कार्य शुरू हो चुका है।
    • रेस्क्यू किए गए बच्चों को यहां एक सकारात्मक और सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराया जाएगा, जहां खेल, मनोरंजन, और शिक्षा के माध्यम से उनका पुनर्वास किया जाएगा।
  2. सामाजिक संगठनों के साथ साझेदारी:
    • आसरा, सरफीना, और समर्पण एनजीओ के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
    • इन संगठनों की मदद से रेस्क्यू और पुनर्वास की प्रक्रिया को प्रभावी बनाया जाएगा।
  3. पेट्रोलिंग वाहनों की तैनाती:
    • बच्चों को भिक्षावृत्ति से बचाने के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी को तीन पेट्रोलिंग वाहन उपलब्ध कराए गए हैं।
    • इन वाहनों को मॉडिफाई किया जा रहा है, और उनके संचालन हेतु चालकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
    • मुख्यमंत्री जल्द ही इन वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।
  4. मॉडल की सराहना और विस्तार:
    • शिक्षा मंत्री ने डीएम के इस मॉडल की प्रशंसा करते हुए इसे राज्यभर में लागू करने के लिए कैबिनेट में लाने की बात कही।
  5. रेस्क्यू ऑपरेशन और निगरानी:
    • प्रमुख चौराहों पर 12 होमगार्ड्स की ड्यूटी लगाई गई है।
    • रेस्क्यू किए गए बच्चों को तत्काल इन्टेंसिव केयर शेल्टर में पहुंचाया जा रहा है।
  6. शेल्टर होम में सुविधाएं:
    • प्रथम चरण में तीन कक्ष तैयार किए गए हैं।
    • जल्द ही मल्टी-एक्टिविटी हॉल तैयार होगा, जहां बच्चों को बेसिक लर्निंग और खेलकूद के माध्यम से मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा।

डीएम का विज़न और टीम की भूमिका

जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि बच्चों का स्थान सड़कों पर नहीं, बल्कि स्कूलों में होना चाहिए। उन्होंने जिला बाल कल्याण और संरक्षण समिति (DCWPC), बाल कल्याण समिति (CWC), और चाइल्ड हेल्पलाइन के साथ समन्वय करते हुए इस प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारा है।
इस प्रयास में अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप रावत, और जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट ने अहम भूमिका निभाई है। डीएम ने इन सभी अधिकारियों की कार्यशैली की प्रशंसा की।

बैठक में उपस्थिति:

मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, अपर नगर आयुक्त बीर सिंह बुदियाल, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजय जैन, पुलिस क्षेत्राधिकारी, एनजीओ पदाधिकारी, और अन्य संबंधित अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे।

निष्कर्ष:

डीएम का यह प्रोजेक्ट न केवल बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त कराने में मददगार होगा, बल्कि उनके भविष्य को भी संवारने की दिशा में एक अहम कदम है। यह पहल राज्य के लिए एक उदाहरण बन सकती है, यदि इसे पूरे उत्तराखंड में लागू किया जाए।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments