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पहाड़ की दहाड़ न्यूज़
चलने नहीं देंगे किसी का काम देहरादून चंद्रमणि की सड़कों में
ई रिक्शा चालकों ने लगाया जाम
देहरादून में बस वाले विक्रम वालों को दबा रहे हैं
विक्रम वाले मैजिक वालों को दबा रहे हैं
और मैजिक वाले ई रिक्शा वालों को दबा रहे हैं
कब तक की गुंडागर्दी चलती रहेगी ?
ई-रिक्शा जिसकी पहले बुकिंग फोन ऐप के माध्यम से हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टैंड अप प्रोग्राम के माध्यम से 13 अगस्त 2019 को पहली बुकिंग की थी
प्रधानमंत्री जी का सपना था छोटे से छोटे तबके के व्यक्ति को रोजगार देना एवा देश को पोलूशन मुक्त बनाना उनका सपना था
उनके द्वारा किए गए प्रयास से आज देश में काफी बदलाव आया है काफी हद तक पोलूशन पर कंट्रोल लग पाया है
लेकिन ऐसे देश के उन्हीं राज्यों में संभव हो पा रहा है
जहां पर राज्य सरकारें पोलूशन मुक्त वाहनों को ज्यादा महत्व दे रही है
ऐसे में उत्तराखंड धामी सरकार का भी प्रदेश को पोलूशन मुक्त बनाने का प्रयास काफी हद तक रहा है
तभी तो देहरादून में स्मार्ट सिटी पोलूशन मुक्त बसे भी लगातार चल रही है साथ ही साथ हजारों ई रिक्शा भी चल रहे हैं
लेकिन ऐसे में कहीं ना कहीं कुछ वाहन नियम विरुद्ध चल रहे हैं बहुत ज्यादा हद तक शहर में पोलूशन फैला रहे हैं बिना परमिट के चल रहे हैं
धामी जी के नेतृत्व में उन पर पर कार्रवाई होना बहुत जरूरी है ताकि देहरादून शहर की बढ़ती आबादी में शहर पोलूशन मुक्त बन सके
खबर का असर देखना बाकी है
आइए अब आपको बताते हैं जनपद देहरादून में
पर्यावरण मित्र ई रिक्शा चालकों की पीड़ा क्या है
आपको बता देना चाहते हैं की चंद्रमणि चौक से बार्थवाल चौक तक से दर्जनों रिक्शा चालकों ने आज पुलिस द्वारा बार-बार चालान काटने की नाराजगी पर चंद्रमणि चौक पर ई रिक्शा चालकों द्वारा धरना दिया गया और देहरादून आरटीओ के खिलाफ नारेबाजी की ई रिक्शा चालकों का कहना है
कि वह आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं काम ना मिलने के कारण व बार-बार पुलिस द्वारा चालान काटने के कारण मानसिक प्रताड़ना झेल रहे हैं
उनका कहना है कि पुलिस बार-बार उनका चालान करती है उनके लिए नियम कानून बनाए गए हैं
लेकिन विक्रम मैजिक और बसों के लिए कानून नहीं है बिना परमिट के नियम विरुद्ध जनपद देहरादून में रोजाना सैकड़ों हजारों गाड़ियां सड़कों पर दौड़ रही है
लेकिन पुलिस और आरटीओ द्वारा उन पर कार्रवाई नहीं होती
कार्रवाई तो केवल हमारे ऊपर ही की जाती हैं
ऐसा लगता है सारे कानून हमारे लिए ही बनाए गए हैं
अगर हमारा बार-बार चालान किया जाता है तो
अब सड़कों पर धरना देने के अलावा हमारे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है
ई-रिक्शा जो पर्यावरण मित्र है तमाम अन्य वाहनों की तरह शहर में पोलूशन भी नहीं फैलाते
अब देखना है कि ई-रिक्शा पर्यावरण मित्रों का शासन प्रशासन क्या संज्ञान लेता है
आप बने रहे पहाड़ की दहाड़ न्यूज़ में
हर हर महादेव 🙏




