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देहरादून। प्राप्त जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड क्रांति दल (UKD) ने नगर आयुक्त, महानगर देहरादून को एक ज्ञापन सौंपकर देहरादून में मूल निवासियों के साथ हो रहे कथित पक्षपात और उत्पीड़न पर कड़ी आपत्ति जताई है। ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि विगत कुछ समय से अपराधी प्रवृत्ति के असामाजिक तत्व मूल निवासियों के साथ मारपीट, गाली-गलौज और जानलेवा हमले कर रहे हैं। साथ ही राज्य में सामाजिक सौहार्द्र को बिगाड़ने के उद्देश्य से भड़काऊ बयान भी दिए जा रहे हैं।
ज्ञापन में विशेष तौर पर राजेन्द्र नगर (किशन नगर चौक) निवासी मनोज नेगी का मामला उठाया गया है, जो पौड़ी गढ़वाल के मूल निवासी हैं और कई वर्षों से नगर निगम द्वारा निर्गत लाइसेंस के तहत स्वरोजगार कर रहे थे। आरोप है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने मनोज नेगी के साथ मारपीट की और इसके बाद नगर निगम देहरादून के कर्मचारियों ने उनकी ठेली को नष्ट कर दिया, जबकि अन्य बाहरी व्यक्तियों की अनधिकृत ठेलियाँ वहीं यथावत संचालित हो रही हैं।
उत्तराखंड क्रांति दल ने इस घटनाक्रम को प्रदेश के मूल निवासियों के खिलाफ हो रहे क्रमिक उत्पीड़न का उदाहरण बताया है। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि अन्य स्थानों से भी इसी प्रकार की छुटपुट घटनाओं की शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनका उद्देश्य प्रदेश का सामाजिक वातावरण बिगाड़ना प्रतीत होता है।
UKD ने ज्ञापन में निम्नलिखित मांगें की हैं:
मनोज नेगी को उत्तराखंड नगरीय फेरी नीति-2016 के अंतर्गत ठेली लगाने की अनुमति जारी रखी जाए ताकि उनकी आजीविका सुरक्षित रह सके।
ठेली को नुकसान पहुँचाने वाले नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
ठेली में रखे गए सामान के नुकसान की भरपाई अतिशीघ्र की जाए।
ज्ञापन उत्तराखंड क्रांति दल के देहरादून महानगर अध्यक्ष विजेंद्र सिंह रावत द्वारा सौंपा गया है।
UKD ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार द्वारा मूल निवासियों के साथ पक्षपातपूर्ण रवैया जारी रहा, तो 1994 के आंदोलन की तरह बड़ा जनआंदोलन खड़ा किया जा सकता है। संगठन ने राज्य में बढ़ती विडंबनाओं और मूल निवासियों पर हो रहे अत्याचारों पर गहरी चिंता व्यक्त की है।