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धरासू में पुलिस की चौपाल: नशा, साइबर अपराध और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ ग्रामीणों को किया जागरूक
उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धरासू में पुलिस ने एक सराहनीय पहल करते हुए ग्रामीणों को नशा, साइबर अपराध और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागरूक करने के लिए एक चौपाल का आयोजन किया। इस चौपाल में ग्रामीणों को इन गंभीर मुद्दों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई और उनसे समाज को इन बुराइयों से मुक्त करने में सहयोग करने की अपील की गई।
नशे के खिलाफ जंग: पुलिस ने ग्रामीणों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में बताया कि कैसे यह युवाओं को बर्बाद कर रहा है और उनके परिवारों को तबाह कर रहा है। उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रहने, गलत संगत में न जाने और अपने करियर पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी

साइबर अपराधों से बचाव: आजकल साइबर अपराधों का खतरा भी बढ़ गया है। पुलिस ने ग्रामीणों को बताया कि कैसे साइबर अपराधी उन्हें ठग सकते हैं और उनकी व्यक्तिगत जानकारी चुरा सकते हैं। उन्होंने ग्रामीणों को साइबर अपराधों से बचने के तरीकों के बारे में भी जानकारी दी। एक युवा ने कहा, “हमें साइबर अपराधों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन पुलिस ने हमें बहुत अच्छे से समझाया कि कैसे हम इनसे बच सकते हैं।”
महिला सुरक्षा और सामाजिक कुरीतियां: पुलिस ने महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों, घरेलू हिंसा, बाल अपराध, बाल विवाह, बाल श्रम, भिक्षावृत्ति और मानव तस्करी जैसे सामाजिक मुद्दों पर भी ग्रामीणों को जागरूक किया। उन्होंने महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में बताया और उन्हें किसी भी प्रकार की हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।
डायल 112 और उत्तराखंड पुलिस ऐप की जानकारी: पुलिस ने ग्रामीणों को किसी भी आपात स्थिति में डायल 112 पर कॉल करने के बारे में बताया। उन्होंने उन्हें उत्तराखंड पुलिस ऐप के बारे में भी जानकारी दी, जिसके माध्यम से वे किसी भी अपराध की सूचना पुलिस को दे सकते हैं।
जन जागरूकता अभियान: पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी के निर्देशन में यह जन जागरूकता अभियान समाज में नशा उन्मूलन, साइबर अपराधों पर नियंत्रण और महिलाओं की सुरक्षा के लिए चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत पुलिस विभिन्न गांवों में चौपाल लगाकर ग्रामीणों को जागरूक कर रही है।
संदेश: हम सभी नागरिकों से अपील करते हैं कि वे नशा, साइबर अपराध और अन्य सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ एकजुट हों। किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। साथ ही, महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करें और उन्हें किसी भी प्रकार की हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित करें।



