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जनपद देहरादून: बीआरपी-सीआरपी भर्ती में देरी पर शिक्षा मंत्री की कड़ी नाराजगी, अधिकारियों को दिए तत्काल समाधान के निर्देश
शिक्षा व्यवस्था में सुधार और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए योग्य कर्मियों की भर्ती आवश्यक है। लेकिन जब भर्ती प्रक्रिया महीनों तक अटकी रहे, तो यह न केवल योग्य अभ्यर्थियों के भविष्य पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है, बल्कि शैक्षिक व्यवस्था की गंभीर खामियों को भी उजागर करता है। समग्र शिक्षा योजना के तहत ब्लॉक रिसोर्स पर्सन (बीआरपी) और संकुल रिसोर्स पर्सन (सीआरपी) की भर्ती प्रक्रिया इसी प्रकार की देरी से जूझ रही है, जिससे न केवल शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है बल्कि बेरोजगार युवाओं को भी निराशा का सामना करना पड़ रहा है।
भर्ती प्रक्रिया में देरी पर शिक्षा मंत्री का कड़ा रुख
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बीआरपी-सीआरपी भर्ती में हो रही देरी को लेकर सख्त नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को फटकार लगाते हुए निर्देश दिया कि भर्ती प्रक्रिया में आ रही बाधाओं को जल्द से जल्द दूर किया जाए। उच्च स्तरीय बैठक में इस मामले पर गंभीर चर्चा की गई, जिसमें तय किया गया कि कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग से समन्वय स्थापित कर प्रयाग पोर्टल की व्यवहारिक समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाएगा।
955 पद रिक्त, भर्ती प्रक्रिया अधर में
शिक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार, प्रदेशभर में बीआरपी के 285 और सीआरपी के 670 रिक्त पदों पर नियुक्ति होनी थी, लेकिन प्रशासनिक अड़चनों और प्रयाग पोर्टल में आ रही तकनीकी खामियों के चलते यह प्रक्रिया बार-बार टल रही है। शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को सख्त लहजे में निर्देश दिया कि इस समस्या को जल्द से जल्द हल कर भर्ती प्रक्रिया को गति दी जाए।
कैबिनेट में संशोधन प्रस्ताव लाने की तैयारी
बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि प्रयाग पोर्टल में आ रही समस्याओं के समाधान के लिए शासनादेश में आंशिक संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा। इस संशोधन से भविष्य में आउटसोर्स भर्तियों में आ रही दिक्कतों को दूर किया जा सकेगा और प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाया जाएगा।
छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में
प्रदेशभर में हजारों युवाओं ने बीआरपी-सीआरपी के लिए पंजीकरण कराया है। भर्ती प्रक्रिया में देरी के कारण वे असमंजस की स्थिति में हैं। शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि पोर्टल की समस्याएं दूर होते ही एक माह के भीतर चयनित एजेंसी के माध्यम से मेरिट के आधार पर नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सभी तैयारियां पूरी रखें ताकि नियुक्ति प्रक्रिया में और देरी न हो।
चतुर्थ श्रेणी भर्तियों पर भी संकट
बैठक के दौरान शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि विभाग में लगभग 2500 चतुर्थ श्रेणी पद रिक्त हैं, जिनकी भर्ती की अनुमति कैबिनेट द्वारा पहले ही दी जा चुकी है। लेकिन प्रयाग पोर्टल की खामियों के कारण यह प्रक्रिया भी रुकी हुई है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि पोर्टल की दिक्कतें दूर होते ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती भी शुरू कर दी जाएगी।
शिक्षा की गुणवत्ता पर असर
बीआरपी और सीआरपी की नियुक्ति के बिना विद्यालयों में शैक्षणिक अनुश्रवण कार्य प्रभावित हो रहा है। वर्तमान में शिक्षकों को ही इन कार्यों की जिम्मेदारी दी जा रही है, जिससे उनकी मूल शिक्षण गतिविधियों में बाधा आ रही है। शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि बीआरपी-सीआरपी की तैनाती के बाद शिक्षक अपने मूल कार्य पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
क्या अब मिलेगी युवाओं को राहत?
बरसों से भर्ती प्रक्रिया का इंतजार कर रहे युवाओं की उम्मीदें इस बैठक के बाद फिर जागी हैं। यदि प्रशासन शीघ्रता से कदम उठाता है, तो सैकड़ों शिक्षकों को उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त कर बेहतर शैक्षिक माहौल बनाया जा सकता है। अब यह देखना होगा कि क्या वाकई भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू होगी या फिर युवाओं को और इंतजार करना पड़ेगा।



