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बागेश्वर में वन संपत्ति को अग्निकांड से बचाने की पहल, फायर टीम ने लीसा डिपो छतीना में किया फायर रिस्क निरीक्षण
हर साल जंगलों में लगने वाली आग न केवल वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचाती है, बल्कि जीव-जंतुओं और पर्यावरण पर भी गंभीर प्रभाव डालती है। वन विभाग के डिपो और अन्य परिसरों में आग की सुरक्षा सुनिश्चित करना बेहद आवश्यक है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। इसी क्रम में बागेश्वर जनपद में वन विभाग के लीसा डिपो छतीना का अग्नि-सुरक्षा एवं जोखिम के दृष्टिगत फायर रिस्क निरीक्षण किया गया।

फायर टीम द्वारा किया गया निरीक्षण
प्राप्त जानकारी के अनुसार, एसपी बागेश्वर के निर्देशानुसार जनपद के समस्त थाना प्रभारियों एवं प्रभारी अग्निशमन अधिकारियों को जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। इसी क्रम में प्रभारी अग्निशमन अधिकारी एवं फायर सेफ्टी अधिकारी (FSSO) जी. एस. रावत के नेतृत्व में वन विभाग के लीसा डिपो छतीना में अग्नि-सुरक्षा का निरीक्षण किया गया।
वन विभाग के कर्मचारियों को दी गई विशेष ट्रेनिंग
इस दौरान वन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को विभिन्न प्रकार की आग, उनके वर्गीकरण एवं उन्हें बुझाने के लिए अलग-अलग प्रकार के अग्निशमन उपकरणों के प्रयोग एवं संचालन के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई।

फायर एक्सटिंग्यूशर का डेमो देकर किया गया जागरूक
फायर यूनिट द्वारा कृत्रिम आग लगाकर फायर एक्सटिंग्यूशर के उपयोग का लाइव डेमो दिया गया। इस दौरान कर्मचारियों को बताया गया कि आग लगने की स्थिति में किस प्रकार त्वरित एवं प्रभावी कदम उठाए जा सकते हैं। यह अभियान भविष्य में भी जारी रहेगा, जिससे वन विभाग के सभी कर्मचारियों को आग से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार किया जा सके।
आगे की कार्ययोजना
अग्निशमन विभाग द्वारा ऐसे जागरूकता अभियान को आगे भी जारी रखने की योजना बनाई जा रही है, जिससे वन विभाग, औद्योगिक प्रतिष्ठानों और अन्य संवेदनशील स्थानों पर आग से होने वाले नुकसान को रोका जा सके।



