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उत्तराखंड में मासूमों की सुरक्षा पर सवाल! नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगाने वाला आरोपी गुजरात से गिरफ्तार
क्या बेटियां आज भी सुरक्षित हैं?
आज के दौर में जब समाज नाबालिगों की सुरक्षा को लेकर गंभीर होने का दावा करता है, तब भी ऐसे अपराध सामने आते हैं जो सोचने पर मजबूर कर देते हैं। नाबालिग बच्चियों को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने की घटनाएं सिर्फ एक परिवार नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चिंता का विषय हैं। ऐसे मामलों में परिवार पर टूटने वाले मानसिक आघात को समझना बेहद जरूरी है। देहरादून में ऐसा ही एक मामला सामने आया, जहां पुलिस की तत्परता से एक नाबालिग को बचा लिया गया और आरोपी को गुजरात से गिरफ्तार कर लिया गया।
गुजरात से गिरफ्तार हुआ आरोपी, नाबालिग बरामद
प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, थाना वसंत विहार क्षेत्र के एक व्यक्ति ने पुलिस को सूचना दी कि उसकी नाबालिग बेटी को एक युवक बहला-फुसलाकर भगा ले गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
सीसीटीवी फुटेज, मुखबिर तंत्र और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद से पुलिस टीम ने संदिग्ध का पीछा किया और लगातार दबिशें दीं। इसके बाद पुलिस ने दिनांक 27 जनवरी 2025 को गुजरात के वॉच गांव जीआईडीसी गेट नंबर 1 के पास से आरोपी आर्यन पुत्र नीरज शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के कब्जे से नाबालिग को सुरक्षित बरामद कर लिया गया और उसे परिजनों को सौंप दिया गया।
आरोपी पर लगे संगीन आरोप
गिरफ्तार किए गए आर्यन (उम्र 19 वर्ष) के खिलाफ धारा 137(2) / 61(2) / 64(1) / 142 बीएनएस और 5/6, 16/17 पोक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। उसे ट्रांजिट रिमांड पर लाकर न्यायालय में पेश किया गया, जहां आगे की कार्रवाई जारी है।
पुलिस की तेज़ कार्रवाई की सराहना
देहरादून पुलिस ने जिस तरह तत्परता दिखाते हुए नाबालिग को सुरक्षित बचाया और आरोपी को गिरफ्तार किया, वह काबिले-तारीफ है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में पूरी टीम ने त्वरित और प्रभावी कार्रवाई कर यह सुनिश्चित किया कि पीड़ित परिवार को न्याय मिले।
क्या ऐसे अपराध रुकेंगे?
यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि बच्चों की सुरक्षा को हल्के में नहीं लिया जा सकता। माता-पिता और अभिभावकों को सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि उनकी संतानें ऐसे अपराधों का शिकार न बनें। पुलिस की मुस्तैदी ने एक और बेटी को सुरक्षित बचा लिया, लेकिन क्या सिर्फ पुलिस की कार्रवाई ही काफी है? समाज को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और नाबालिगों की सुरक्षा के लिए जागरूकता बढ़ानी होगी।