Monday, December 23, 2024
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उत्तराखंड वन विभाग के 8 रेंज अधिकारियों को मिलेगा भारतीय वन सेवा (आईएफएस) में प्रमोशन

 

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उत्तराखंड में वन विभाग के लिए बड़ी खुशखबरी, 8 अधिकारियों को मिलेगा प्रमोशन

देहरादून: लंबे इंतजार के बाद उत्तराखंड के 8 ACF अफसरों को IFS प्रमोशन, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन की मौजूदगी में UPSC में बैठक सफल

उत्तराखंड वन विभाग से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्य वन सेवा के आठ वरिष्ठ सहायक वन संरक्षकों (एसीएफ) को भारतीय वन सेवा (आईएफएस) में पदोन्नति मिलने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। यह पदोन्नति लंबे समय से लंबित थी और इसका इंतजार इन अधिकारियों के लिए विशेष महत्व रखता है। यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) में आयोजित डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी (डीपीसी) की बैठक में इस पर मुहर लगाई गई है। इस महत्वपूर्ण बैठक में उत्तराखंड के मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु, और प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन ने भाग लिया।

जानकारी के अनुसार, यह पदोन्नति 2020 से 2023 के बीच की रिक्तियों के आधार पर हो रही है। 2020 में दो पद, 2021 में सात पद, और 2022 में 13 पद रिक्त चल रहे थे। इन पदों को भरने के लिए उत्तराखंड शासन ने वर्षों से प्रयास किए। जिन आठ अधिकारियों का प्रमोशन तय हुआ है, उनमें अनिल टम्टा, करुणा निधि भारती, उमेश चंद्र तिवारी, नवीन चंद्र पंत, प्रकाश चंद्र आर्य, रंगनाथ पांडे, देवी प्रसाद बलूनी, और ध्रुव सिंह मर्तोलिया के नाम शामिल हैं। इनमें से अनिल टम्टा 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं और उनके लिए यह पदोन्नति एक विशेष उपलब्धि होगी।

प्रमोशन में देरी का कारण
इस प्रमोशन प्रक्रिया में देरी का प्रमुख कारण एसीएफ अधिकारियों के बीच सीनियरिटी विवाद था, जो अदालत तक पहुंच गया था। लंबे समय तक मामला लटका रहा, लेकिन अब विवाद समाप्त होने के बाद शासन ने इसे पूरा करने का निर्णय लिया। ध्रुव सिंह मर्तोलिया का निलंबन भी एक चुनौती थी, जो हाल ही में बिनसर वन्यजीव विहार में लगी आग के मामले में निलंबित किए गए थे। बाद में उनका निलंबन वापस लिया गया, जिससे उनके प्रमोशन का रास्ता साफ हुआ।

बैठक और आगे की प्रक्रिया
प्राप्त जानकारी के अनुसार, डीपीसी बैठक बुधवार शाम 5 बजे यूपीएससी में आयोजित की गई थी। मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में इस बैठक ने वर्षों से अटकी पदोन्नति प्रक्रिया को सुलझाया। इस कदम से न केवल अधिकारियों को करियर ग्रोथ का मौका मिलेगा, बल्कि उत्तराखंड वन विभाग को नए आईएफएस अधिकारियों का अनुभव और नेतृत्व भी प्राप्त होगा।

 

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