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चम्पावत जनपद: नशे, साइबर क्राइम और महिला सुरक्षा पर जीजीआईसी चम्पावत की छात्राओं को किया गया जागरूक, पुलिस ने विभिन्न कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी
हाल के वर्षों में मादक पदार्थों का सेवन और साइबर क्राइम युवाओं में एक गंभीर समस्या बनकर उभरी है। इसके अलावा, महिला सुरक्षा को लेकर जागरूकता का स्तर बढ़ाने की आवश्यकता भी महसूस की जा रही है। ऐसे में पुलिस प्रशासन द्वारा छात्रों और युवाओं को इन समस्याओं के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से कई पहल की जा रही हैं।
जनपद चम्पावत में पुलिस द्वारा लगातार स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों को विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर जागरूक किया जा रहा है। इसी कड़ी में 19 नवम्बर 2024 को कोतवाली चम्पावत क्षेत्र में साइबर सेल और पुलिस टीम द्वारा जीजीआईसी चम्पावत की छात्राओं को नशे के दुष्प्रभावों, साइबर क्राइम, महिला सुरक्षा और यातायात नियमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
मादक पदार्थों के दुष्प्रभाव पर जागरूकता:
साईबर सैल और कोतवाली चम्पावत की पुलिस टीम ने छात्राओं को मादक पदार्थों के दुष्प्रभाव के बारे में बताया और इससे बचने के उपायों के बारे में जागरूक किया। पुलिस ने छात्राओं से अपील की कि वे कभी भी नशे का सेवन न करें और यदि किसी को मादक पदार्थों की तस्करी करते हुए देखें, तो इसकी सूचना पुलिस को दें।
साइबर क्राइम से बचने के तरीके:
साथ ही, साइबर क्राइम के बारे में भी छात्राओं को जानकारी दी गई। साइबर क्राइम से बचने के उपायों पर चर्चा करते हुए पुलिस ने चम्पावत साईबर सैल हेल्पलाइन नंबर (8476055260) और साइबर हेल्पलाइन नंबर (1930) की जानकारी दी। साइबर क्राइम के कानूनी प्रावधानों के बारे में भी बताया गया ताकि छात्राएं इससे सुरक्षित रह सकें।
महिला सुरक्षा और कानूनी प्रावधानों पर जानकारी:
महिला अपराधों के बारे में भी जानकारी दी गई और इससे बचने के तरीकों पर जागरूक किया गया। महिला सुरक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा बनाए गए कानूनी प्रावधानों जैसे उत्तराखण्ड पुलिस एप और गौरा शक्ति एप के बारे में भी छात्राओं को जानकारी दी गई।
यातायात नियमों की जानकारी:
इसके अलावा, यातायात नियमों के बारे में भी छात्राओं को बताया गया और उन्हें हमेशा नियमों का पालन करने की अपील की गई। साथ ही, पुलिस सहायता नंबर 112 और चम्पावत पुलिस हेल्पलाइन नंबर 05965-230607, 9411112984 की जानकारी भी दी गई।
यह पहल पुलिस प्रशासन द्वारा छात्राओं को जागरूक करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल उन्हें खुद को सुरक्षित रखने में मदद करेगी, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव भी ला सकती है।