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देहरादून के मालदेवता क्षेत्र में इस बार छठ पूजा का आयोजन भव्यता के साथ किया गया, जिसमें सैकड़ों हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया
और सूर्य देवता को अर्घ्य देकर सुख-समृद्धि की कामना की। छठ पूजा, जो मूल रूप से बिहार, झारखंड, और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रमुख धार्मिक परंपरा है
धीरे-धीरे अन्य राज्यों में भी अपनी जगह बना रही है। खासकर उत्तराखंड के देहरादून में हर साल इसका आयोजन बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ किया जाता है।
छठ पूजा का उद्गम और महत्व
छठ पूजा का प्राचीन इतिहास भगवान सूर्य और छठी मइया की आराधना से जुड़ा है,
जिसमें लोग अपने परिवार की खुशहाली, सुख-समृद्धि और रोगों से मुक्ति की कामना करते हैं। इस पूजा का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि इसमें प्रकृति, स्वास्थ्य और स्वच्छता का संगम देखने को मिलता है।
इसे मूल रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में बड़ी श्रद्धा से मनाया जाता है, लेकिन अब इसका प्रसार उत्तराखंड सहित देश के विभिन्न हिस्सों में हो रहा है।
उत्तराखंड में छठ पूजा का विस्तार
उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, और ऋषिकेश जैसे शहरों में छठ पूजा का चलन हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ा है।
यहाँ बिहार और झारखंड से आए प्रवासी परिवार इस पर्व को उसी श्रद्धा से मनाते हैं जैसे उनके अपने राज्यों में मनाया जाता है। देहरादून का मालदेवता छठ पूजा के आयोजन का प्रमुख स्थान बन चुका है, जहाँ हर साल हजारों श्रद्धालु एकत्र होते हैं।
मालदेवता में छठ पूजा का आयोजन
इस बार भी मालदेवता में छठ पूजा का भव्य आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं ने कड़ी मेहनत से घाटों को सजाया और विशेष तैयारियाँ की। यहाँ पर सूर्यास्त और सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। यह दृश्य देखने लायक होता है, जब भक्तजन कमर तक पानी में खड़े होकर भगवान सूर्य की आराधना करते हैं। महिलाओं ने पारंपरिक गीत गाते हुए पूजा-अर्चना की, जिससे पूरे वातावरण में भक्ति और श्रद्धा की भावना उत्पन्न हुई।
देहरादून की संस्कृति में छठ पूजा का महत्व
देहरादून, जो एक विविध सांस्कृतिक शहर है, यहाँ छठ पूजा ने स्थानीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बन गया है। इस पूजा के माध्यम से न केवल बिहार और झारखंड के लोग अपनी परंपराओं को जीवित रख रहे हैं बल्कि स्थानीय निवासी भी इस पर्व को उत्साह के साथ मनाने लगे हैं। मालदेवता में हर साल आयोजित होने वाली छठ पूजा में स्थानीय लोगों की भागीदारी भी बढ़ती जा रही है, जो उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है।
छठ पूजा के इस आयोजन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि देहरादून जैसे शहरों में हर समुदाय के त्यौहार को समान आदर और सम्मान दिया जाता है, जिससे यह जगह धार्मिक और सांस्कृतिक सौहार्द्र का प्रतीक बन चुकी है।