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जल जीवन मिशन, जिसके तहत सरकार गांवों में हर घर को नल का पानी पहुंचाने का लक्ष्य रख रही है, निश्चित रूप से सराहनीय है। जल जीवन मिशन, जहां सरकार अपनी ओर से महत्वपूर्ण कार्य कर रही है, वहां इसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। अनेक गांवों में, जहां पहले पानी की भारी कमी थी, अब वहां नलों से पानी उपलब्ध हो रहा है, जिससे ग्रामीणों का जीवन स्तर सुधार हो रहा है।हालांकि, कुछ गांव ऐसे भी हैं, जहां यह मिशन अभी पूरी तरह से नहीं पहुंच पाया है।
पौड़ी जनपद के पोखरा ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम धार की बिणा से पानी की समस्या का मामला सामने आया है । पहाड़ी इलाकों में जल संकट लगातार गंभीर होता जा रहा है। दूरस्थ गाँवों में लोग पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं और अपनी रोजमर्रा की ज़रूरतें पूरी करने के लिए लंबी दूरी तय करके पानी लाने को मजबूर हैं।
उत्तराखंड के दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों में जल संकट आज भी विकराल रूप ले चुका है। कई गांव ऐसे हैं जो बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। ग्रामीणों को अपनी ग्राम सभाओं से दूर धाराओं या अन्य जल स्रोतों से पानी लाकर अपना जीवनयापन करना पड़ रहा है। पौड़ी जनपद के पोखरा ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम धार की बिणा वासियों द्वारा बताया गया कि नलों में पानी नहीं आ रहा है। सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल और पानी पहुंचाने का वादा किया है। लेकिन कई जगहों पर यह योजना सिर्फ कागजों पर ही सिमट कर रह गई है। ग्रामवासियों का कहना है कि नल तो लगाए गए हैं, पर उनमें पानी नहीं आ रहा।
ग्राम प्रधान तिपेंदर कुमार ने बताया कि ठेकेदारों द्वारा काम समय पर पूरा न किए जाने के कारण यह स्थिति बनी हुई है। उन्होंने कहा, “अभी टेंडर पढ़ा हुआ है, लेकिन ठेकेदार काम नहीं कर रहा। ग्रामवासियों ने सरकार से अपील की है कि वह इस मुद्दे पर तुरंत ध्यान दें और ठोस कदम उठाएं ताकि जल संकट का समाधान हो सके।
यह स्पष्ट है कि जल जीवन मिशन की योजनाओं के बावजूद, पहाड़ी इलाकों में जल संकट की समस्या गंभीर है। सरकार को चाहिए कि वह इन मुद्दों को प्राथमिकता दें और ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करें ।




