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क्या है उद्यान विभाग पहले इस बात को आप समझे 👇
उत्तराखंड जब उत्तरप्रदेश का एक अंग हुआ करता था तो उस समय के पूर्व मुख्यमंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत ने अपनी दूरगामी सोच का परिचय देते हुए पर्वतीय इलाकों में कस्तकारो के उत्थान के लिए उद्यान विभाग की नीव रखी थी !
उनका विजन स्पष्ट था की पहाड़ी इलाके जहा पर उद्योग स्थापित नही हो सकते वहा पर केसे रोजगार के विकल्प तरासे जाए उद्यान विभाग की नीव रखने के बाद से ही पर्वतीय क्षेत्रों में बागवानी का काम जोर पकड़ने लगा !
धीरे धीरे यह के लोगो के समक्ष बागवानी के माध्यम से अच्छा रोजगार आने लगा जिसका परिणाम यह रहा की कश्मीर व हिमाचल का सेब भी अल्मोड़ा जिले के रानीखेत स्थित चोपटिया गार्डन के सेब के सामने फीके पड़ गए !
और यह का सेब इतना पसंद किया जाने लगा की एशिया को सबसे मशहूर सेब चोपटिया गार्डन के 116 एकड़ भूमि पर बने बागवान से मिलने लगा।
आमरण अनशन पर बैठे समाजसेवी
दीपक करगीत ने बताया की आज विभाग की बेहद लापरवाही व भ्रष्टाचार का ही परिणाम है की यह अब सेब नहीं जंगली झाड़ियां होती है जिसको काटने के लिए बकायदा ठेके दिए जाते है।
आज जब विभाग की लापरवाही भ्रष्टाचार को समाजसेवी दीपक कारगीती सामने लाने का प्रयास कर रहे है तो निदेशक उद्यान बावेजा उनको फसाने के लिए गंभीर धारओ में उन पर मुकदमा लगा रहे है