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आपको बता दें कि सन 2006 की एक शाम को डी आइ टी कुठाल गेट मे पढ़ने वाले कुछ रईस घरों के छात्रों द्वारा बारी घाट कैनाल रोड की बस्ती में कुछ गरीबों के घरों में घुसकर शराब पीकर मारपीट करी गई इस पर पुलिस द्वारा दोनों पक्षों की 151 के तहत गिरफ्तारी कर ली गई जब उक्रांद नेता गण व तत्कालीन पार्षद थाने में मामले के बारे में जानकारी लेने पहुंचे तो उन्होंने देखा कि पुलिस द्वारा डीआईटी के अमीर छात्रों को गेस्ट रूम में चाय कॉफी पिला कर आ मेहमान नवाजी की जा रही थी तथा जिनके घर में घुसकर मारपीट की गई जो पीड़ित पक्ष थे उनको लॉकअप में बंद किया हुआ था यह देखकर वहां मौजूद नेतागण जनप्रतिनिधि तथा उनके साथ आए हुए ग्रामीण बहुत नाराज हुए जिस पर हजारों की संख्या में आक्रोशित भीड़ एकत्रित हो गई तथा उस समय वहां से गुजर रहे महामहिम राज्यपाल के काफिले में अवरोध उत्पन्न हुआ इस पर पुलिस द्वारा सिटी मजिस्ट्रेट को पुलिस चौकी जाखन में बुलाकर पीड़ितों को जमानत दी गई लेकिन उसके अगले दिन ही उक्रांद नेताओं के ऊपर चक्का जाम समेत 7 क्रिमिनल लॉ जैसी गंभीर धाराएं दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया जिस पर मुकदमा चला लगभग 16 वर्ष तक मुकदमा चला और इस बीच कई बार उक्रांद नेताओ तथा तत्कालीन भाजपा पार्षद को जेल भी जाना पड़ा आज दिनांक 7 दिसंबर 2022 को सीजीएम तृतीय सुश्री निहारिका मित्तल गुप्ता द्वारा मामले में जजमेंट देते हुए जय प्रकाश उपाध्याय तथा संजय छेत्री समेत संदीप पटवाल को बाइज्जत बरी कर दिया गया इस पर उक्रांद कार्यकर्ताओं ने हर्ष जताते हुए बाइज्जत बरी हुए नेताओं का माल्यार्पण करके जोरदार नारेबाजी करते हुए जनहित के कार्यों के लिए उन्हें साधुवाद दिया




