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देहरादून आईएसबीटी जलभराव मुक्त! डीएम बंसल के ‘मिशन ड्रेनेज’ ने पकड़ी रफ्तार
देहरादून के आईएसबीटी (अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल) पर मानसून के दौरान होने वाला जलभराव एक पुरानी समस्या रही है, जिससे यात्रियों और स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए मुख्यमंत्री के सख्त निर्देशों के बाद, जिलाधिकारी सविन बंसल ने व्यक्तिगत रूप से पहल करते हुए एक व्यापक ड्रेनेज प्लान तैयार किया है। यह प्लान अब तेजी से धरातल पर उतर रहा है, जिससे उम्मीद है कि इस साल आईएसबीटी पर जलभराव की समस्या से निजात मिल जाएगी।
मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देशों के अनुपालन में, जिलाधिकारी सविन बंसल आईएसबीटी पर जलभराव की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। उन्होंने अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी है कि इस साल आईएसबीटी पर जलभराव के कारण मुख्यमंत्री को किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति का सामना न करना पड़े।
आईएसबीटी पर जलभराव की समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में तेजी से काम चल रहा है। जिलाधिकारी के कुशल नेतृत्व में, अपूर्व माप की खुदाई और ह्यूम पाइप्स डालने का कार्य तेजी से प्रगति पर है। जिलाधिकारी ने परियोजना में लगे अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मैनपावर, मटेरियल और मशीनरी को दोगुना किया जाए और हर हाल में मई माह से पहले इस कार्य को पूरा किया जाए।
अपनी प्रतिबद्धता दर्शाते हुए, जिलाधिकारी सविन बंसल ने स्वयं आईएसबीटी ड्रेनेज, ट्रैफिक कंट्रोल और फ्लाईओवर सुधार कार्यों का बुलेट निरीक्षण किया, जो आईएसबीटी से सीधे सहस्रधारा तक फैला हुआ है। इस फील्ड विजिट के दौरान, उन्होंने ड्रेनेज कार्य की प्रगति का जायजा लिया, जिसने अब रफ्तार पकड़ ली है। उम्मीद है कि वर्षों से नासूर बनी आईएसबीटी की जलभराव की समस्या अब अतीत की बात हो जाएगी।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने हर संभव स्रोत से फंड जुटाकर रिकॉर्ड समय में अपने ड्रेनेज प्लान को धरातल पर उतारा है। आईएसबीटी चौक से आउटफॉल तक ड्रेनेज सिस्टम और नाले की सफाई का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। इसके अतिरिक्त, जिलाधिकारी ने शहर की सभी नदियों, नालों और नालियों की सफाई के लिए 15 मई तक की डेडलाइन निर्धारित की है।
यह उल्लेखनीय है कि जिलाधिकारी सविन बंसल किसी भी योजना या डिजाइन पर चर्चा करने से पहले स्वयं धरातल पर उतरकर स्थिति का जायजा लेते हैं, जिससे परियोजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद मिलती है। आईएसबीटी ड्रेनेज प्लान भी इसी दृष्टिकोण का परिणाम है।