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बाल श्रम और भिक्षावृत्ति जैसी समस्याएँ देश के विकास को गहरा आघात पहुँचाती हैं। बच्चे जो समाज के भविष्य की नींव हैं, जब बाल श्रम या भीख माँगने में लिप्त होते हैं, तो उनके विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है। यह न केवल उनके अधिकारों का हनन है, बल्कि कानून के खिलाफ भी है। बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रशासन और अन्य संबंधित विभागों को सक्रियता के साथ निरंतर कार्य करने की आवश्यकता है।
देहरादून में बाल भिक्षावृत्ति और बाल श्रम के खिलाफ बड़ी कार्रवाई
प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिनांक 17 दिसंबर 2024 को देहरादून जिले में मोहित नगर, बल्लीवाला चौक क्षेत्र से भिक्षावृत्ति और बाल श्रम में लिप्त कुल 6 बच्चों को रेस्क्यू किया गया। इस कार्रवाई को भिक्षावृत्ति रेस्क्यू टीम, देहरादून द्वारा जिलाधिकारी के निर्देशों के तहत अंजाम दिया गया।
रेस्क्यू टीम द्वारा दो बच्चों को भिक्षावृत्ति और चार बच्चों को बाल श्रम में संलिप्त पाया गया। सभी बच्चों की सामान्य डायरी (GD) और मेडिकल प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद उन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इसके पश्चात पाँच बच्चों को समर्पण (खुला आश्रय) भेजा गया, जबकि एक बच्चे को राजकीय शिशु सदन में रखा गया।
यह कार्रवाई बाल सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा हेतु प्रशासन के प्रयासों की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।