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नई दिल्ली — उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात कर राज्य के विभिन्न विकासात्मक और पर्यावरणीय मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य हित में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को केंद्र से शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री धामी ने गौरीगंगा नदी पर प्रस्तावित 120 मेगावाट की सिरकारी भ्योल-रूपसियाबगड़ जलविद्युत परियोजना के निर्माण के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति एवं वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह परियोजना राज्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगी और स्थानीय विकास को गति मिलेगी।
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट से नीलकंठ महादेव मंदिर तक प्रस्तावित रोपवे परियोजना को राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की आगामी बैठक में स्वीकृति देने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इस रोपवे के निर्माण से तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को सुविधा होगी और क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने बीटल्स आश्रम (चौरासी कुटिया) के पुनरुद्धार के लिए केंद्र सरकार से सहयोग की अपील की, ताकि इसे एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सके।
प्रदेश में लगातार बढ़ रही वनाग्नि की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने CAMPA (क्षतिपूरक वनीकरण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण) के अंतर्गत केंद्र से 404 करोड़ रुपये की विशेष वित्तीय सहायता की भी मांग की। उन्होंने कहा कि इन फंड्स का उपयोग वन संसाधनों की सुरक्षा, अग्निशमन उपकरणों की उपलब्धता और वन क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने के लिए किया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार इकोलॉजी और इकोनॉमी दोनों के संतुलन को ध्यान में रखते हुए कार्य कर रही है। इन परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन से राज्य की आधारभूत संरचना को मजबूती मिलेगी और आमजन को राहत पहुंचेगी।”
मुख्यमंत्री ने सभी परियोजनाओं पर सकारात्मक रुख अपनाने के लिए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का आभार व्यक्त किया और विश्वास जताया कि केंद्र और राज्य मिलकर उत्तराखंड को विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे।